shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview
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तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जय जय जय अनंत अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
वैसे तो आप शिव चालीसा को किसी भी दिन बोल सकते हैं, लेकिन रविवार, सोमवार तथा बुधवार को भगवान शंकर जी की चालीसा करने का बड़ा महत्व बताया गया.
मातु पिता भ्राता read more सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।